कारवां !!
यादो के शहर में एक छोटा सा घरोंदा है दूर निकल आये पर संग यादो का पुलिंदा है !!
18 Oct 2011
5 Oct 2011
दशहरा मुबारक !!
यहाँ सीता का होता हर दिन हरण !
राम है बेबस मांगते फिरते शरण !!
हनुमान भूले है अपने अद्भुत क्षण !
मुश्किल सा लगता है रावण मरण !!
आज स्त्री रूपी सीता असुरक्षित, सुच्चाई रूपी राम बेबस और सत्ता रूपी हनुमान अपनी शक्ति भूल बैठे है! रावण राज़ का शोर है !
हर साल दशहरा पे रावण का पुतला जलने पर भी ये मरता नहीं, जीवित रहता हैसाल दर साल इंसान के मन में !
आओ इस बार रावण का पुतला नहीं रावण की सोच को जला के भस्म करे !
दशहरा मुबारक !!
29 Sept 2011
18 Sept 2011
14 Sept 2011
8 Sept 2011
7 Sept 2011
"आखिर कब तक" से "अच्छा एक और" तक !!
आज फिर से दिल्ली में धमाका हुआ !
पर लोगो को दिवाली के पटाखे लगे !!
पल भर के लिए सब रुके, खबर सुनी !
फिर लग गए अपने अपने काम पर !!
वक़्त कहाँ रोज़ रोज़ धमाको के लिए !
जहाँ अपने मरे, वहाँ दुनिया रुक गयी !
वरना सब बदस्तूर, यु ही चलते रहे !!
हम बच गए यही सबने खैर मनाई !
सब फिर खामोश अगले धमाको तक !!
"आखिर कब तक" से "अच्छा एक और" तक !!
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